एक इंजीनियर की रहस्यमयी कहानी - Barog-tunnel

आज के युवाओं के लिए रहस्यमयी कहानियाँ मज़ेदार कहानियों के रूप में बदलने लगी है। कहानी की तह तक जाने के लिए उत्साही यात्री, चाहे कहानी कितनी ही डरावनी हो, उसे खुद से अनुभव करने का जोखिम ज़रूर उठाते हैं। 
इसी तरह यात्री हिमाचल प्रदेश के कालका और शिमला के बीच पड़ने वाले बड़ोग के सुरंग में ज़रूर यात्रा कर रहे हैं, यह जानने के लिए कि उसके बारे में कही जाने वाली कहानियाँ सच हैं या नहीं। और बड़ोग सुरंग की यह कहानी हिमाचल प्रदेश की सबसे प्रसिद्ध कहानी में शामिल होती जा रही है।
कालका और शिमला की यात्रा सबसे खूबसूरत अनुभवों में से एक है। अँग्रेज़ों के शासन काल में शिमला गर्मी के मौसम में अँग्रेज़ों की राजधानी हुआ करती थी, जो भारत के बाकी क्षेत्रों से उतनी जुड़ी हुई नहीं थी। इसलिए उन्होंने इस रेलवे मार्ग को अपने फ़ायदे के लिए इस्तेमाल करना शुरू किया और अब कालका से शिमला तक का यह रेलवे मार्ग भारत की पुरानी धरोहरों में शामिल है।
बड़ोग सुरंग (Barog Tunnel )

Image Courtesy: sanoop 
उँचे उँचे पहाड़ों से गुज़रती काली अंधेरी सुरंग इस रास्ते को बहुत ही दिलचस्प बनाती है। इन्हीं रास्तों में बड़ोग गाँव की एक अधूरी सुरंग है जो यात्रियों और यहाँ के मूल निवासियों के बीच काफ़ी प्रसिद्ध है।
बड़ोग कालका और शिमला रेलवे मार्ग पर पड़ने वाला एक रेलवे स्टेशन भी है। यह स्टेशन इंजीनियर कर्नल बड़ोग की कहानी के लिए जाना जाता है, जिन्हें इस सुरंग को बनाने की ज़िम्मेदारी सौंपी गयी थी। यह कहानी कुछ इस प्रकार है:- बड़ोग जो उस समय के एक ज़िम्मेदार इंजीनियर हुआ करते थे, उन्हें ज़िम्मेदारी दी गयी कि वे बड़ोग सुरंग की दोनों तरफ से खुदाई करें। उन्होने एक योजना बनाई जिससे कि वह काम जल्दी हो जाता, पर उनसे ऐसी ग़लती हो गयी जिससे कि सुरंग के दोनो छोर एक दूसरे से मिल नहीं पाए।
बड़ोग रेलवे स्टेशन

Image Courtesy: Vishmak 
इस वजह से वह सुरंग जिसे एक भव्य निर्माण बनना था, एक आपदा में तब्दील हो गयी। जिसके बाद उन्हें ब्रिटिश सरकार द्वारा 1 रुपये का दंड दिया गया और बड़ोग को अपनी इस असफलता पर बहुत ज़्यादा शर्मिंदगी महसूस हुई। वे उस सुरंग में अपने घोड़े के साथ अंदर गये और वहीं पर आत्महत्या कर ली। इसके कुछ सालों बाद एक और नयी सुरंग बनाई गयी जिसका नाम उन्हीं के नाम बड़ोग पर रखा गया है।
आज वह अधेरी सुरंग यात्रियों के लिए साहसिक क्रियाओं में शामिल हो गयी है। यात्री इस सुरंग के अंदर यह देखने जाते हैं कि वास्तव में बरोग का भूत उस सुरंग में है या नहीं। यह भी कहा जाता है की जो नई सुरंग है वह बड़ोग की आत्मा की उपस्थिति से भूतहा है। बड़ोग की आत्मा उस सुरंग में अपने घोड़े की सवारी करती फिरती है।
बड़ोग सुरंग के प्रवेश द्वार पर लगा नोटिस

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कुछ लोगों का तो यह भी कहना है कि उन्होने वहाँ पर बड़ोग की परछाई देखी है और अगर उन्हें कोई पसंद आ जाता है तो वे उनसे बातें भी करते हैं। हालाँकि यह काफ़ी डरावनी कहानी लगती है पर है दिलचस्प और कभी कभी ऐसा लगता है कि यह बस एक बनी बनाई कहानी है। 
जो भी हो, इन सबके साथ बड़ोग रेलवे स्टेशन यात्रियों के उत्साह को और बढ़ाता है। हिमाचल प्रदेश राज्य में यह शिमला से लगभग 65 किलोमीटर पहले पड़ता है और आज के समय का सबसे सम्मोहक रहस्यमय पर्यटक स्थलों में से एक है। बड़ोग की वह अधूरी सुरंग, अभी उतनी अच्छी हालत में नहीं है। उसके छत से पानी टपकता रहता है और अंदर घनघोर अंधेरा छाया रहता है।
कालका-शिमला रेलवे मार्ग (Kalka-Shimla Railway Route )

Image Courtesy: Arupamdas
अब यह आप पर है कि आप इस स्थान को एक भूतहा रहस्य की तरह देखना चाहेंगे या एक दिलचस्प स्थान की तरह। कर्नल बड़ोग की कहानी उनके जीवन काल से ज़्यादा महत्ता पा रही है।
हम आशा करते हैं कि, कर्नल बड़ोग की आत्मा अब यह जानकार खुश होगी कि लोग उनके इस निर्माण को देखने के लिए दूर दूर से आ रहे हैं।

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