अगर आप भेड़चाल में शामिल नहीं होना चाहते, तो अपने भीतर छिपे हुनर को पहचान कर उसे तराशें। इंजीनियरिंग, मेडिकल, मैनेजमेंट जैसे रास्तों पर आगे बढऩे के बजाय अपने पैशन को पंख लगाना चाहते हैं, तो शॉर्टटर्म कोर्सों के जरिए ऐसा कर सकते हैं। आज के समय में आइटी से लेकर एंटरटेनमेंट तक दर्जनों ऐसे रास्ते खुल गए हैं, जो आपको कामयाबी की ओर ले जा सकते हैं। चाहे वह कंप्यूटर नेटवर्किंग हो, ऑटोमोबाइल सर्विस मैनेजमेंट, सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन डेवलपमेंट, मेडिकल ट्रांसक्रिप्शन या वेब डिजाइनिंग, एनिमेशन, फोटोग्राफी हो या खुद का स्टार्ट-अप...
उत्तर प्रदेश के छोटे से कस्बे से आने वाले शुभम ने कुछ समय पहले साइंस स्ट्रीम से 12वींकिया है। लेकिन आगे पढऩे की उसकी ज्यादा इच्छा नहींथी। उसे मशीनों से बेहद लगाव था। घर में बेकार पड़े कल-पुर्र्जों से कुछ न कुछ नया बना लेता था। तभी उसके एक शिक्षक ने उसे आइटीआइ से कोर्स करने की सलाह दी। शुभम ने ऐसा ही किया और आज वह अपनी वर्कशॉप चला रहा है। हमारे देश के गांव, कस्बों और छोटे शहरों में अनेक युवा हैं, जिन्हें अपने अंदर के हुनर का पता नहींहोता। अगर कोई सही रास्ता दिखाने वाला मिल गया तो ठीक, वरना वे दोस्तों या दूसरों की देखा-देखी उसी राह पर अपना करियर बनाने चल पड़ते हैं, जिनके बारे में कोई जानकारी नहींहोती है। आखिर क्या है इस समस्या का हल? सवाल जागरूक होने का है। देश में आज जिस तरह का माहौल बन रहा है। अपनी पसंद की फील्ड को चुनने की बात हो रही है, स्किल डेवलपमेंट पर जोर दिया जा रहा है, उसे देखते हुए यह जानना जरूरी है कि युवाओं के सामने किस तरह के शैक्षणिक कोर्स उपलब्ध हैं, जिन्हें करके वह आसानी से नौकरी हासिल कर सकते हैं।
दरअसल, यह कतई आवश्यक नहींहै कि आप चार साल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद ही नौकरी करें। आइटीआइ के अलावा कई टेक्निकल इंस्टीट्यूट्स कंप्यूटर हार्डवेयर, नेटवर्किंग आदि में डिप्लोमा कोर्स संचालित करते हैं। इसके साथ ही इग्नू और दूसरे डिस्टेंस लर्र्निंग यूनिवर्सिटीज से कंप्यूटर प्रोग्रामिंग, पावर डिस्ट्रिब्यूशन मैनेजमेंट, स्टोरेज नेटवर्र्किंग, आइटी ऑपरेशन जैसे कोर्सेज किए जा सकते हैं। आइटी के अलावा आप मोबाइल रिपेयरिंग, प्लंबिंग, इलेक्ट्रिशियन, मोटर मैकेनिक्स का भी शॉर्ट टर्म या डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं। यानी कम समय के कोर्स कर, आप करियर में लंबी छलांग लगाने का मौका हासिल कर सकते हैं...
आइटी कोर्सेज
आप एमएससी, बीटेक, एमसीए जैसी डिग्री लेकर भी जॉब नहीं ढूंढ़ पा रहे हैं, तो ऐसे तमाम कोर्स हैं, जिनसे आप अच्छे पैकेज पर जॉब पा सकते हैं।
सॉफ्टवेयर टेस्टिंग
मैकिंजे ऐंड कंपनी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मौजूदा तेजी, टैलेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर की आपूर्ति के दम पर भारतीय आइटी इंडस्ट्री का निर्यात कारोबार 2020 तक 178 अरब डॉलर का हो जाएगा। सॉफ्टवेयर टेस्टिंग का कारोबार भी इस साल के आखिर तक 60 अरब डॉलर होने की उम्मीद है। सॉफ्टवेयर टेस्टर को टेक्नोलॉजी के साथ-साथ बिजनेस की भी अच्छी समझ होनी चाहिए। टेस्टिंग की कार्ययोजना तैयार करना, उनका क्रियान्वयन करना, दोष और खतरे को तलाशना, उनकी रिपोर्ट तैयार करना इनकी ही जिम्मेदारी होती है।
ओरेकल
ओरेकल डाटाबेस सॉफ्टवेयर है। इसकी मदद से ढेर सारे डाटा को न केवल सेव रखा जाता है, बल्कि कंपनी की जरूरत के मुताबिक उनमें से किसी एक एलिमेंट को सर्च कर सकते हैं और डाटा एनालिसिस आदि कर सकते हैं। ज्यादातर बैंकों में आजकल ओरेकल का ही इस्तेमाल किया जा रहा है। किसी भी एकाउंट होल्डर के बारे में पूरी जानकारी इसी के जरिए संभाल कर रखी जाती है। एंक्वायरी करने पर बैकएंड में काम करने वाले इंजीनियर यह जानकारी मुहैया कराते हैं। आजकल सिर्फ बैंकों में ही नहीं, बल्कि तकरीबन हर कंपनी को डाटाबेस ऑपरेशंस के लिए इस तरह के स्किल्ड लोगों की जरूरत होती है।
क्रिएटिविटी से मिलती है पहचान
वेब डिजाइनिंग का छह महीने का कोर्स करके इंडस्ट्री में कदम रखा जा सकता है। यहां क्रिएटिविटी से काम की पहचान बनती है। आपको एचटीएमएल, ड्रीमवेवर, फ्लैश के अलावा प्रोग्रामिंग स्किल्स पर भी ध्यान देना होगा।
हरीश, वेब डिजाइनर, दिल्ली
वेब डिजाइनिंग
डिजिटल क्रांति और ई-कॉमर्स इंडस्ट्री की ग्रोथ से वेब डिजाइनिंग एक लुक्रेटिव करियर ऑप्शन बन गया है।
क्या है वेब डिजाइनिंग
वेब डिजाइनिंग में वेबसाइट्स, वेब पेजेज और वेब एप्लीकेशंस के लिए डिजाइनिंग की जाती है। इसमेें एक वेब डिजाइनर टेक्स्ट, इमेज, लिंक, ग्राफिक्स, वीडियोज आदि को एक प्लेटफॉर्म पर लाता है। वेब स्टैटिक या डायनामिक होता है।
कोर्सेज ऐंड स्किल्स
कई गवर्नमेंट और प्राइवेट टेक्निकल इंस्टीट्यूट्स जैसे एरिना, एपटेक, एनआइआइटी, एडिट वेब डिजाइनिंग में सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स कराते हैं।
वेब डिजाइनर्स को ग्राफिक्स और ले-आउट डिजाइन पर खास ध्यान होता है। इसलिए कैैंडिडेट का विजुअली आर्टिस्टिक होना जरूरी है। साथ ही कंप्यूटर और कोरल, फोटोशॉप, फ्लैश, सीएसएस आदि सॉफ्टवेयर टूल्स की जानकारी होनी चाहिए।
अपॉच्र्युनिटीज
आइटी और सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री के अलावा एक वेब डिजाइनर के लिए ई-कॉमर्स स्टार्टअप, पब्लिशिंग हाउस, एडवर्टाइजिंग हाउस, डिजाइन स्टूडियोज, मार्केटिंग फम्र्स, एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स आदि में काम करने के तमाम अवसर हैं। कंपनीज और कॉरपोरेट एजेेंसीज ऑनलाइन मौजूदगी को दर्ज कराने और बिजनेस या प्रोडक्ट को प्रमोट करने के लिए वेब डिजाइनर्स की मदद लेते हैं।
डिजिटल मार्केटिंग
एसइओ यानी सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन की सहायता से किसी भी वेब पेज को गूगल, याहू जैसे सर्च इंजन पर सबसे ऊपर लाने का प्रयास किया जाता है। दरअसल, यह डिजिटल मार्केटिंग का एक हिस्सा है। धीरे-धीरे इसका मार्केट बढ़ रहा है। मार्केटिंग पर होने वाला खर्च अखबार और टीवी से शिफ्ट होकर वेबसाइट और सोशल मीडिया की ओर बढ़ रहा है। इसीलिए एसइओ एक्सपट्र्स की भी डिमांड बढ़ रही है। एसइओ एक्सपट्र्स का काम ज्यादा से ज्यादा ट्रैफिक को अट्रैक्ट करना और बिजनेस में बदलना होता है। इस फील्ड में फ्रेशर्स को शुरुआत में 2 से 4 लाख रुपये सालाना तक की सैलरी मिल सकती है। एसइओ में कोर्स करके इन कैटेगरीज में जॉब्स पा सकते हैं : एनालिटिक्स, बिजनेस मैनेजमेंट/डेवलपमेंट, लिंक बिल्डिंग, इवेंट मैनेजमेंट, सोशल मीडिया एनालिस्ट, वेब डेवलपमेंट मैनेजमेंट, वेब डिजाइन, रेपुटेशन मैनेजमेंट, पेड सर्च/पीपीसी।
कंप्यूटर हार्डवेयर नेटवर्किंग
कंप्यूटर हार्डवेयर एवं नेटवर्र्किंग के अंतर्गत कंप्यूटर पाट्र्स की फंक्शनिंग और डाटा एवं इंफॉर्मेशन शेयरिंग के लिए कंप्यूटर्स को आपस में जोडऩा सिखाया जाता है। 12वींके बाद कोई भी स्टूडेंट कंप्यूटर हार्डवेयर ऐंड नेटवर्किंग में एडवांस डिप्लोमा कर सकता है। कई प्राइवेट एवं सरकारी इंस्टीट्यूट्स और आइटीआइ में इससे रिलेटेड कोर्स संचालित किए जाते हैं।
हार्डवेयर एवं नेटवर्किंग प्रोफेशनल के लिए कंस्ट्रक्शन, न्यूजपेपर, बीपीओ, एनिमेशन, एंटरटेनमेंट, आइटी, मैन्युफैक्चरिंग एवं रिटेल रिलेटेड कंपनी में अच्छे मौके हैं। टेक्निकल नॉलेज के अलावा अगर कैैंडिडेट की कम्युनिकेशन स्किल स्ट्रॉन्ग है, तो वह महीने में आठ हजार से शुरू कर 30 हजार रुपये आसानी से कमा सकता है।
गजनफर हसनैन ओनर, एसजी टेक्नोलॉजीज
आइटीआइ से बनाएं करियर
सरकार द्वारा चलाई जाने वाले इन आइटीआइ में आज वह सभी फैसिलिटी है, जो किसी इंजीनियरिंग कॉलेज में होती है। नाम से यह भले ही आइटीआइ हो, लेकिन यहां के स्टूडेंट्स आज टाटा और मारुति जैसी कंपनीज में अच्छे पद पर जॉब कर रहे हें। इनके प्रमुख कोर्सेज हैं:
-ऑटोमॉटिव बॉडी रिपेयर
-ऑटो इलेक्ट्रिशियन
-कारपेंटर
-हाउस वायरिंग ऐंड इलेक्ट्रिकल एप्लायंसेज रिपेयर
-इंटीरियर डेकोरेटर ऐंड डिजाइनर्स
-मैकेनिक प्लम्बिंग ऐंड सेनेट्री फिटिंग
-स्कूटर ऐंड ऑटो साइकिल मैकेनिक
-शीट मेंटल वर्कर
-वेल्डर गैस ऐंड इलेक्ट्रिक
-टेक्सटाइल डिजाइनिंग
एचटीएमएल5
एचटीएमएल का मतलब हाइपर टेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज होता है। यह वल्र्ड वाइड वेब के किसी भी कंटेंट की स्ट्रक्चरिंग मार्कअप लैंग्वेज है और इंटरनेट की कोर टेक्नोलॉजी है। एचटीएमएल के जरिए किसी भी वेबसाइट की स्ट्रक्चरिंग की जाती है। इस लैंग्वेज के जरिए इमेजेज और ऑब्जेक्ट्स को इंटरैक्टिव डिजाइनिंग में कनवर्ट किया जाता है। एचटीमएल5 इसकी लेटेस्ट टेक्नोलॉजी है। यह एचटीमएल4, डौम (डी ओ एम) का हाईटेक वर्जन है। इसका इस्तेमाल एडवांस्ड टेक्नोलॉजी में किया जाता है। अमूमन एनिमेशन, ग्राफिक्स, म्यूजिक और मूवीज के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। इसका उपयोग कॉम्प्लिकेटेड वेब एप्लीकेशंस बनाने में भी किया जाता है। टैबलेट्स, स्मार्टफोंस और क्लाउड होस्टेड सर्विसेज की डिमांड बढऩे से इसकी काफी डिमांड है। एचटीएमएल में कोर्स करने के बाद आप इन जॉब्स के लिए अप्लाई कर सकते हैं, मसलन : वेब डेवलपर, ई-पब्लिशर, वेब सपोर्ट पर्सनल,
ई-कॉमर्स साइट ओनर या सपोर्ट पर्सनल, वेबसाइट डिजाइनर, गेम डेवलपर।
2डी-3डी एनिमेशन
एनिमेशन क्रिएटिविटी और प्रजेंटेशन पर बेस्ड फील्ड है। घंटों एक ही प्रोजेक्ट पर लगातार काम करके कुछ इनोवेटिव करने की चाहत सफल बना सकती है।
कोर्स
-सर्टिफिकेट इन 3डी स्टूडियो मैक्स
-सर्टिफिकेट इन माया
-सर्टिफिकेट इन ग्राफिक डिजाइनिंग
-सर्टिफिकेट इन वेब डिजाइनिंग
-डिप्लोमा इन ब्रॉडकास्ट एनिमेशन
-डिप्लोमा इन क्लासिकल एनिमेशन
-एडवांस डिप्लोमा इन डिजिटल एनिमेशन ऐंड वीएफएक्स
-पीजी डिप्लोमा इन ग्राफिक ऐंड एनिमेशन
वर्क प्रोफाइल
-क्लीनअप आर्टिस्ट
-असिस्टेंट एनिमेटर
-कैरेक्टर डिजाइनर
-बैकग्राउंड आर्टिस्ट
-स्टोरी बोर्ड आर्टिस्ट
-विजुअलाइजर
-2डी व 3डी डिजिटल एनिमेटर
-वीडियो एडिटर
-कैरेक्टर डिजाइनर
-गेम प्रोग्रामर
-एनिमेशन डायरेक्टर
इंस्टीट्यूट वाच
-एरिना एनिमेशन
-माया एकेडमी ऑफ एडवांस सिनेमैटिक्स (मैक)
-डब्ल्यूएलसी कॉलेज इंडिया, नोएडा
-फ्रेमबॉक्स एनिमेशन ऐंड विजुअल इफेक्ट्स, नई दिल्ली
-एडिटवर्क स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन
इंडस्ट्री के मुताबिक ट्रेनिंग
साइंस स्ट्रीम से 12वींकरने वाले आइटीआइ से इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड मैकेनिक्स में दो साल का डिप्लोमा कर सकते हैं। आइटीआइ में इंडस्ट्री की जरूरत के मुताबिक प्रैक्टिकल ट्रेनिंग दी जाती है। अभय अग्निहोत्री, आइटीआइ इंजीनियर
मोबाइल रिपेयरिंग
इंडिया में मोबाइल के अलावा स्मार्टफोन मार्केट भी तेजी से बढ़ रहा है। देसी के अलावा विदेशी कंपनीज नए, अफोर्डेबल मोबाइल हैंडसेट्स लॉन्च कर रही हैं। इसके साथ ही तमाम तरह के फीचर्स से लैस इन मोबाइल फोन्स की सर्विसिंग एवं रिपेयरिंग के लिए सर्विस सेंटर्स भी खोले जा रहे हैं, जिनमें मोबाइल रिपेयरिंग एक्सपट्र्स की जरूरत होती है।
कोर्सेज ऐंड स्किल्स
ब्रिटको, बिडको, इंडिया ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट जैसे कई प्राइवेट फोन रिपेयरिंग इंस्टीट्यूट्स में तीन से पांच महीने का कोर्स संचालित किया जाता है, जिसे 10वींया 12वीं के बाद स्टूडेंट्स कर सकते हैं। कोर्स के तहत मोबाइल फोन टेक्नोलॉजी, ट्रेसिंग ऐंड फॉल्टिंग, प्रॉब्लम डायग्नोसिस के बारे में बताया जाता है।
अपॉच्र्युनिटीज
इंडिया में मोबाइल फोन का मार्केट बढऩे से मोबाइल रिपेयरिंग प्रोफेशनल्स की डिमांड भी कई गुना बढ़ चुकी है। मोबाइल रिपेयरिंग का कोर्स करने के बाद स्टूडेंट्स सर्विस सेंटर, रिपेयरिंग सेंटर में काम कर सकते हैं या फिर अपना कारोबार शुरू कर सकते हैं। इस तरह एक ट्रेंड प्रोफेशनल महीने में तीस से पचास हजार रुपये आसानी से कमा सकते हैं। वहीं, आइटीआइ से इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड मैकेनिक्स में डिप्लोमा करने वाले सैमसंग, माइक्रोमैक्स आदि कंपनियों में मोबाइल हैंडसेट्स की एसेम्बली, टेस्टिंग, क्वालिटी चेक, प्रोडक्शन आदि का काम कर
सकते हैं।
बेकिंग मास्टर
बेकिंग इंडस्ट्री में ग्रो करने के लिए प्रोफेशनल डिग्री के साथ ट्रेनिंग भी जरूरी होती है। यानी टेक्निकल एजुकेशन, ऑन द जॉब ट्रेनिंग, एक्सपीरियंस, इंडस्ट्री सर्टिफिकेशन, सभी बेहद मायने रखते हैं। ऑन द जॉब ट्रेनिंग के दौरान स्टूडेंट्स को बेकिंग, आइसिंग, डेकोरेटिंग, मिक्सिंग, न्यूट्रीशन के अलावा बेकरी इंग्रीडिएंट्स सलेक्ट करने, सैनिटेशन के नियम और बिजनेस कॉन्सेप्ट्स को समझने का मौका मिलता है।
कोर्सेज ऐंड स्किल्स
साइंस स्ट्रीम के साथ हायर सेकंडरी के बाद आप छह से 18 महीने का डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग के अलावा नेशनल काउंसिल फॉर होटल मैनेजमेंट ऐंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी इस तरह के कोर्सेज संचालित करते हैं। इस इंडस्ट्री में जगह बनाने के लिए आपके पास कम्युनिकेशन स्किल होना जरूरी है। यहां स्पीड भी काफी इंपॉर्टेंट होती है। आपको प्रजेंटेशन की कला आनी चाहिए। जो बेकर नई रेसिपीज बनाते हंै, उनकी सक्सेस के चांसेज अधिक होते हैं।
अपॉच्र्युनिटीज
आप बेकिंग इंडस्ट्री में सेल्स, पेस्ट्री शेफ, बेकर्स, फूड सर्विस मैनेजर्स, केक डेकोरेटर, बेकरी टेक्नोलॉजिस्ट, बेकरी सैनिटेशन मैनेजर आदि की भूमिका में काम कर सकते हैं। आपके लिए सेवन स्टार, फाइव स्टार होटलों के अलावा बेकरीज, क्रूज शिप्स आदि में अच्छे पोजीशंस पर काम करने के मौके हैं।
आस्था से अपनाएं योग
योग शारीरिक व्यायाम से कहींआगे है। इसलिए इंस्ट्रक्टर बनने के लिए आपको इसे अपने जीवन में उतारना होगा। हिंदी और अंग्रेजी पर मजबूत पकड़ रखनी होगी।
योगाचार्य कुंदन कुमार, कोर्स डायरेक्टर, इंस्टीट्यूट ऑफ योग, बीवीबी, दिल्ली
योग इंस्ट्रक्टर
बदलते लाइफस्टाइल, बेरोजगारी की समस्या और अलग-अलग कारणों से लोगों में बढ़ते मानसिक दबाव को देखते हुए योग की भूमिका भी बढ़ती जा रही है। ये अब सिर्फ एक एक्सरसाइज नहींरह गया, बल्कि लोगों की दिनचर्या और आदतों को बदलने का एक माध्यम भी बन चुका है। इसलिए कई युवा योग इंस्ट्रक्टर के रूप में अपना करियर शुरू करने लगे हैं।
कोर्सेज ऐंड स्किल्स
योग के कई प्रकार हैं। मसलन, हठ, अय्यंगर, अष्टांग, विन्यास आदि। आप किसी एक में ट्रेनिंग ले सकते हैं। अय्यंगर योग सीखने के लिए पुणे का अय्यंगर इंस्टीट्यूट है। इसके अलावा दिल्ली स्थित भारती विद्याभवन के स्कूल ऑफ योगा से योग विद्या में सर्टिफिकेट या छह से एक साल का डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं। यह कोर्स दसवींया 12वीं के बाद स्टूडेंट्स कर सकते हैं।
अपॉच्र्युनिटीज
योग इंस्ट्रक्टर के रूप में आप गर्वनमेंट और प्राइवेट सेक्टर में काम कर सकते हैं। इन दिनों स्कूल, हॉस्पिटल, रिहैबिलिटेशन सेन्टर, स्पा, टूरिस्ट रिजॉर्ट में योग इंस्ट्रक्टर्स को हायर किया जा रहा। आप काउंसलर, कॉरपोरेट इंस्ट्रक्टर, चाइल्ड केयर प्रोग्राम, रिसर्च वर्क से भी जुड़ सकते हैं। वैसे, तो किसी को योग सिखाने में आपको काफी पर्सनल सटिस्फैक्शन मिलेगा, लेकिन शुरुआत में 500 रुपये घंटे आसानी से मिल जाएंगे। अनुभव के साथ यह रकम बढ़ जाती है।
गिफ्ट पैकेजिंग
गिफ्ट पैकेजिंग आज एक इंडस्ट्री की शक्ल ले चुका है। चॉकलेट, स्वीट्स, फ्लावर्स सबकी आकर्षक तरीके से पैकेजिंग होने लगी है।
इस इंडस्ट्री की अच्छी बात ये है कि गिफ्ट पैकिंग से जुडऩे के लिए आपको किसी विशेष एजुकेशनल क्वालिफिकेशन की जरूरत नहींहै। आप हॉबी क्लासेज ज्वाइन कर इसकी फॉर्मल ट्रेनिंग ले सकते हैं। इकेबाना, ओरिगैमी, फ्लोरल अरेंजमेंट और पेंटिंग में शॉर्ट टर्म कोर्सेज संचालित किए जाते हैं। कुछ इंस्टीट्यूट्स गिफ्ट पैकेजिंग में छह महीने का कोर्स भी कराते हैं जैसे कि मैग्नीफिसेंस एकेडमी ऑफ पैकेजिंग प्रोफेशनल्स।
एक गिफ्ट रैपर वेडिंग प्लानर, पार्टी ऑर्गनाइजर के साथ मिलकर काम कर सकता है। वह चाहे तो अपना बिजनेस शुरू कर सकता है या फ्रीलांसर के तौर पर काम कर सकता है।
ब्यूटीशियन
आज हर कोई खूबसूरत और प्रजेंटेबल दिखना चाहता है। इसलिए ब्यूटी केयर इंडस्ट्री करोड़ों डॉलर की इंडस्ट्री बन चुकी है। खासकर ग्लैमर एवं एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में ब्यूटीशियन का रोल बढ़ता जा रहा है। इसके अलावा, आम लोगों के ब्यूटी कांशस होने से पार्लर्स और स्पा सेंटर्स की संख्या भी दिनों-दिन बढ़ रही है।
ब्यूटीशियन के लिए आपको प्रोफेशनल ट्रेनिंग लेनी होती है। यह प्रशिक्षण वीएलसीसी इंस्टीट्यूट ऑफ ब्यूटी, हेल्थ ऐंड मैनेजमेंट, शहनाज हुसैन वूमन वल्र्ड इंटरनेशनल, हबीब हेयर केयर एकेडमी आदि से किए जा सकते हैं। इनके अलावा पॉलिटेक्निक से भी ब्यूटीशियन का कोर्स किया जा सकता है।
जहां तक जॉब प्रॉस्पेक्ट्स की बात है, शुरुआत में आप किसी एक्सपर्ट ब्यूटीशियन की गाइडेंस में काम कर सकते हैं। एक्सपीरियंस होने पर ब्यूटी एक्सपर्ट, कंसल्टेंट या कॉलम राइटर के तौर पर भी काम कर सकते हैं। एक फ्रेशर को शुरुआत में 7 से 10 हजार रुपये मिलते हैं।
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